Thursday, 4 June 2015

दीपावली




दीप ?
तुलसी चौड़ा पर
अर्ध्य-औधा पात्र उठाते
प्रतीक्षिता की दो खुली अँाखें
हरी पत्तियों पर चमकती
ओस बूँद
जमीन पर सितारो का उतरना
नव धनाढ़्या के अगराए वैभव की आग
हथियार के आकार में ढ़ले खिलौने
बारूद का खतरनाक खेल
द्रौपदी का दांव पर चढ़ना
नषे की बेहोष रात
उल्लू का बोलना
लक्ष्मी आज फिर पूछेगी -
कौन जाग रहा है
यहाँ कौन जाग रहा है ?

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