1)
सारी दुनिया में चलती थी उजाड़ आँधी
उड़ती थी रेत
उठता था बवंडर
माँ की आखों में
बादल उतर आते थे
काली घटाओं में चमकती थी बिजली
2)
पतझड़ में जब भी टूटते थे पीले पत्ते
फूल, माँ से मांगते थे मुस्कुराना
नंगी डालियों पर कोंपल
बज्जड़ तनों पर किसलय-सी
फूट पड़ती थी माँ।
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